Speaker K. S. Sandhwan Invoke Farmers for Organic Farming

विधानसभा अध्यक्ष का किसानों से जन आंदोलन खड़ा करने का आह्वान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Speaker KS Sandhwan with Farmers

चंडीगढ़, 30 नवंबर: Speaker K.S. Sandhwan Invokes Farmers for Organic Farming
पंजाब विधान सभा (Punjab Legislative Assembly) के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां (Speaker S. Kultar Singh Sandhwan) ने खाद और रसायनों (Chemicals) पर आधारित कृषि के रुझान को बदलने और इसकी जगह जैविक कृषि (Organic Farming) की ओर कदम उठाने के लिए किसानों (Farmers) को जन आंदोलन खड़ा करने का आह्वान किया है।  


ग़लत नीतियों ने पंजाब के हवा, पानी व भूमि पर किया बुरा असर  

आज पंजाब विधानसभा में कृषि विरासत मिशन (Kheti Virasat Mission-KVM) के सहयोग से जैविक कृषि (Organic Farming) के क्षेत्र में नए पद-चिन्ह स्थापित करने और पराली को न जलाने वाले किसानों के सम्मान के लिए आयोजित समारोह के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए स. संधवां ने कहा कि अमृत जैसे जल, शुद्ध हवा और सेहतमंद उपजाऊ भूमि वाले पंजाब (Punjab) को गलत नीतियों के कारण प्रदूषित जल (Polluted Water), जहरीली हवा और अनुपजाऊ भूमि (Infertile Land) में बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि में खादों, रसायनों, घास-पात नाशकों और कीटनाशकों का हद से ज्यादा प्रयोग के कारण लोग बीमारियों (Diseases) के शिकार हो रहे हैं और कैंसर (Cancer) से रोजाना मौतें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब को पहले वाली स्थिति में लाने के लिए जैविक कृषि की तरफ बढ़ने की ज़रूरत है।  


आर्गेनिक फार्मिंग ही एक मात्र उपाय 

स. संधवां ने कहा कि कृषि एक जीवन शैली है और बाजारोन्मुख प्रवृत्ति (Millet Farming Aptitude) ने इसे कृषि व्यवसाय में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि कृषि केवल कृषि ही रहनी चाहिए एवं इसको केवल और केवल व्यापार नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंजाब सरकार द्वारा लाई जा रही कृषि नीति में अलग जैविक कृषि नीति भी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि को अपनाने वाले किसानों ने जहाँ जोखिम लिया है, वहीं गुरु नानक देव जी के दर्शन पर चलकर जल, भूमि और वायु को बचाने की तरफ कदम भी उठाए हैं।  
इससे पहले किसानों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि भगवंत मान सरकार समूची व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि इस बदलाव के तहत पंजाब सरकार इस साल मार्च तक अपनी कृषि नीति लाएगी और इसमें जैविक कृषि करने वाले किसानों के लिए अलग रूप-रेखा बनाई जाएगी। इसका मकसद प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी नीति बनने के बाद बजट में फंड की व्यवस्था की जाएगी।  


दो सालों में पराली की समस्या होगी ख़त्म 

जैविक कृषि करने वाले किसानों द्वारा सेवाएं लेने के मुद्दे के सम्बन्ध में स. धालीवाल ने कहा कि पांच एकड़ से कम ज़मीन वाले किसानों को अपने खेतों में काम करने के लिए मेहनताना दिया जाता है, जिस कारण पांच एकड़ से कम ज़मीन वाले किसानों को जॉब कार्ड बनाने चाहिए। इसी दौरान उन्होंने बताया कि इस बार धान के सीजन के दौरान पिछले साल के मुकाबले 30 प्रतिशत कम पराली जलाई गई है। उन्होंने विश्वास प्रकट किया कि अगले दो सालों में पराली जलाने की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी।  
इस दौरान कृषि विरासत मिशन के उमेंद्र दत्त शर्मा ने स्टेज संचालन किया। इस मौके पर पंजाब विधान सभा के सचिव सुरिन्दर पाल सिंह, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन प्रोफेसर आदर्श पाल विग के अलावा प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।